तुमसे मिलकर ...
जुबां खामोश थी,
मन फिर भी तुमसे
बहुत कुछ बोल रहा था
ए कैसा मंजर था,
मैं हर तरफ तुम्हें
ही देख रहा था।
ना जाने कितने शिकवे थे,
ना जाने कितने अरमां थे
सामने जब तुम मिले,
बरफ के मानिंद मैं तो,
बस पिघल रहा था।
तुमसे मिलकर हुआ,
तन-मन इतना हल्का,
कि मैं बादलों के संग,
उड़ रहा था
उस दिन फिजां में ना जाने,
ये कैसा नशा था।
ऐ रहबर थोड़ी सी,
तो मोहलत दे देता
मैं इन मृगनयनी आंखों में,
थोड़ी देर के लिये उतर जाता।
विरह के इस मरूस्थल में,
भटका हुआ,
बरसों से प्यासा था.
ये मन
वो आये पल भर में
और मुस्कुरा के चल दिये
अटल कैसे कहे कि
ऐ मेरी जिंदगी, मै
तुमसे थोड़ा और रूबरू
होना चाह रहा था......!
जुबां खामोश थी,
मन फिर भी तुमसे
बहुत कुछ बोल रहा था
ए कैसा मंजर था,
मैं हर तरफ तुम्हें
ही देख रहा था।
ना जाने कितने शिकवे थे,
ना जाने कितने अरमां थे
सामने जब तुम मिले,
बरफ के मानिंद मैं तो,
बस पिघल रहा था।
तुमसे मिलकर हुआ,
तन-मन इतना हल्का,
कि मैं बादलों के संग,
उड़ रहा था
उस दिन फिजां में ना जाने,
ये कैसा नशा था।
ऐ रहबर थोड़ी सी,
तो मोहलत दे देता
मैं इन मृगनयनी आंखों में,
थोड़ी देर के लिये उतर जाता।
विरह के इस मरूस्थल में,
भटका हुआ,
बरसों से प्यासा था.
ये मन
वो आये पल भर में
और मुस्कुरा के चल दिये
अटल कैसे कहे कि
ऐ मेरी जिंदगी, मै
तुमसे थोड़ा और रूबरू
होना चाह रहा था......!
बेहतरीन आपने बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सर!
ReplyDeleteसादर
waah...bahut khub...dil se likhi gayi lekhni
ReplyDeleteउनका असर ही कुछ ऐसा है ... हर कोई उनकी धूप से पिधाल उठता है ... अच्छी रचना है ...
ReplyDeleteBahut badiya!!
ReplyDeletebahut khoobsurat bhaav...
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की जायेगी! आपके ब्लॉग पर अधिक से अधिक पाठक पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...
ReplyDeletesundar rachna.
ReplyDeleteबहुत उत्तम प्रस्तुति
ReplyDelete..... प्रशंसनीय रचना - बधाई
ReplyDeleteना जाने कितने शिकवे थे,
ReplyDeleteना जाने कितने अरमां थे
सामने जब तुम मिले,
बरफ के मानिंद मैं तो,
बस पिघल रहा था।
Wah! Bahut khoob!
बहुत सुन्दर ....
ReplyDeletesundar bhavo se likhi uttam abhivykti...
ReplyDeletebahut khoob hari ji...
ReplyDeletekabhi hamare blog pe bhi aaiye...
http://mymaahi.blogspot.com